Tipu Sultan "Tiger of Mysore"
Tipu Sultan ( टीपू सुल्तान ) जीवनी :-
Tipu Sultan ( टीपू सुल्तान ) प्रारंभिक जीवन
इतिहास के पन्नों से Tipu Sultan ( टीपू सुल्तान ) का नाम मिटा पाना असंभव है. 20 नवंबर 1750 में कर्नाटक के देवनाहल्ली में जन्मे Tipu Sultan ( टीपू सुल्तान ) का पूरा नाम सुल्तान फतेह अली खान शाहाब था ।उनके पिता का नाम हैदर अली और मां का फकरुन्निसां था. उनके पिता मैसूर साम्राज्य के एक सैनिक थे लेकिन अपनी ताकत के बल पर वो 1761 में मैसूर के शासक बने. टीपू सुल्तान को इतिहास न केवल एक योग्य शासक और योद्धा के तौर पर देखता है बल्कि वो विद्वान भी थे। उनकी वीरता से प्रभवित होकर उनके पिता हैदर अली ने ही उन्हें शेर-ए-मैसूर के खिताब से नवाजा था।
Tipu Sultan शासन काल :-
Tipu Sultan ( टीपू सुल्तान ) मैसूर साम्राज्य का शासक -
अपने पिता की मृत्यु के बाद, उनके ज्येष्ठ पुत्र होने के कारण 22 दिसंबर सन 1782 में Tipu Sultan ( टीपू सुल्तान ) ने अपने पिता की जगह ली और मैसूर साम्राज्य के शासक बन गए | शासक बनने के बाद Tipu Sultan (टीपू सुल्तान)ने तुरंत ही अंग्रेजों की अग्रीमों (Advances) की जाँच करने के लिए मराठों और मुगलों के साथ गठबंधन कर, सैन्य रणनीतियों पर काम करना शुरू कर दिया. अंततः सन 1784 में टीपू द्वितीय एंग्लो – मैसूर युद्ध को ख़त्म करने के लिए अंग्रेजों के साथ मंगलौर की संधि पर हस्ताक्षर करने में सफल हो गए थे।
Tipu Sultan धार्मिक नीति :-
Tipu Sultan द्वारा हिंदू संस्थाओं के लिए उपहार -
Tipu Sultan युद्ध वर्णन :-
Tipu Sultan एंग्लो – मैसूर युद्ध -
Tipu Sultan (टीपू सुल्तान) की पहली सबसे बड़ी लड़ाई द्वितीय एंग्लो – मैसूर लड़ाई थी | Tipu Sultan (टीपू सुल्तान) एक बहादुर योद्धा थे और द्वितीय एंग्लो – मैसूर युद्ध में, उन्होंने अपनी क्षमता को साबित भी किया. ब्रिटिश सेना से लड़ने के लिए उनके पिता ने उन्हें युद्ध में भेजा और उन्होंने प्रारंभिक संघर्ष से युद्ध में अपने साहस का प्रदर्शन किया. युद्ध के मध्य में ही टीपू सुल्तान के पिता हैदर अली जोकि कैंसर नामक बीमारी से ग्रस्त थे, की मृत्यु हो गई. अपने पिता की मृत्यु के बाद सन 1782 में ही मैसूर का शासक बने, टीपू सुल्तान ने युद्ध में बेहतरीन प्रदर्शन कर सन 1784 में मंगलौर की संधि के साथ युद्ध की समाप्ति की और सफलता हासिल की।
पलक्कड़ किला :-
''Tipu Sulta (टीपू सुल्तान) का किला''
Tipu Sultan मृत्यु :-
Tipu Sulta (टीपू सुल्तान) 4 मई 1799 को 48 वर्ष की आयु में मृत्यु -
सन 1799 में हुई चौथी एंग्लो – मैसूर लड़ाई थी जोकि Tipu Sulta (टीपू सुल्तान) की तीसरी सबसे बड़ी लड़ाई थी. इसमें टीपू सुल्तान ने ब्रिटिश सेना के खिलाफ युद्ध लड़ा, किन्तु इस युद्ध में उनकी की बहुत बड़ी हार हुई. इसमें उन्होंने मैसूर को खों दिया और साथ ही उनकी मृत्यु भी हो गई। हत्या के बाद Tipu Sulta (टीपू सुल्तान) तलवार अंग्रेज अपने साथ ब्रिटेन ले गए। टीपू सुल्तान की मृत्यू के बाद सारा राज्य अंग्रेज़ों के हाथ आ गया।
Tipu Sultan (टीपू सुल्तान) से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य :-
1. Tipu Sulta (टीपू सुल्तान) को दुनिया का पहला मिसाइल मैन माना जाता है | बीबीसी की एक खबर के मुताबिक, लंदन के मशहूर साइंस म्यूजियम में टीपू सुल्तान के रॉकेट रखे हुए हैं | इन रॉकेटों को 18वीं सदी के अंत में अंग्रेज अपने साथ लेते गए थे |
2. टीपू ने 18 वर्ष की उम्र में अंग्रेजों के विरुद्ध पहला युद्ध जीता था |
3. Tipu Sulta (टीपू सुल्तान) द्वारा कई युद्धों में हारने के बाद मराठों एवं निजाम ने अंग्रेजों से संधि कर ली थी. ऐसी स्थिति में टीपू ने भी अंग्रेजों से संधि का प्रस्ताव दिया | वैसे अंग्रेजों को भी Tipu Sulta (टीपू सुल्तान) की शक्ति का अहसास हो चुका था इसलिए छिपे मन से वे भी संधि चाहते थे. दोनों पक्षों में वार्ता मार्च, 1784 में हुई और इसी के फलस्वरूप 'मंगलौर की संधि' सम्पन्न हुई |
4. मैसूर के पूर्व शासक Tipu Sulta (टीपू सुल्तान) को एक बहादुर और देशभक्त शासक के रूप में ही नहीं धार्मिक सहिष्णुता के दूत के रूप में भी याद किया जाता है।
5. इतिहास के अनुसार Tipu Sulta (टीपू सुल्तान) को सांप्रदायिक शासक सिद्ध करने की कहानी गढ़ी हुई है।
6. Tipu Sulta (टीपू सुल्तान) ऐसे भारतीय शासक थे जिनकी मौत मैदाने-जंग में अंग्रेज़ो के ख़िलाफ़ लड़ते-लड़ते हुई थी | साल 2014 की गणतंत्र दिवस परेड में टीपू सुल्तान को एक अदम्य साहस वाला महान योद्धा बताया गया था।
7. 'पालक्काड किला', ''Tipu Sulta (टीपू सुल्तान) का किला'' नाम से भी प्रसिद्ध है. यह पालक्काड टाउन के मध्य भाग में स्थित है | इसका निर्माण 1766 में किया गया था. यह किला भारतीय पुरातात्त्विक सर्वेक्षण के अंतर्गत संरक्षित स्मारक है |
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