मुझे कुत्ते बहुत पसंद है ख्हासतोर पर स्ट्रीट डॉग्स, जिसको हम देसी कुत्ता भी बोलते है। आजकल लोग महंगे विदेशी कुत्ते पालते है और शायद ही कोई हमारे देश में पाए जाने वाले देसी कुत्तों के बारे में ज़्यादा कुछ जनता हो।
चलिए जानते है देसी नसल के इन खुबसूरत वफादर दोस्तों के बारे में :-
बखारवाल डॉग्स
मूल रूप से उत्तरी भारत, जम्मू कश्मीर, हिमाचल और उत्तरी पाकिस्तान के क्षेत्र में पाए जनि वाली यह प्रजाति एक शीपडॉग है जिसको चरवाहे आपने जानवरो की रक्षा के लिए पालते है। माना जाता है यह नसल तिब्बती मस्तिफ्फ़ और देसी परिया कुत्ते की क्रॉस ब्रीडिंग हैं। यह कुत्ते मजबूत शरीर,फर वाले और गुच्छेदार पूछ वाले पहाड़ी डॉग्स होते है। इनकी एक नसल लदाख में भी पाए जाती है। यह स्लो ब्रीडर होते है साल में एक बार ही बच्चे देते है। इनका रंग बुरा, लाल, काला, बहुरंगा और सफ़ेद होता है।
बुली डॉग्स
बुली डॉग्स जिसको हम इंडियन मस्तिफ्फ़ भी कहते है, यह एक बड़े कद वाले शिकारी और घरेलू रक्षक नसल है। पहले यह नसल शिकार पकड़ने के काम में आती थी। यह भारत के पंजाब, हरयाणा और दिल्ली क्षेत्र में पाया जाता है। यह हलके फर, ७०-९० किलो वजन के साथ ६०-८६ सेंटीमीटर ऊँचा होता है। यह सवभाव से अकरात्मक नसल है। इस लिए लोग इसको रखवाली के लिए रखते है
कोम्बाई
कोम्बाई भारत के दक्षिण में पाए जनि वाली नसल है, तमिल नाडु में यह प्रजाति बहुत प्रसिद्ध है। हलके शरीर वाले यह शानदार डॉग्स १७-२५ इंच ऊँचे होते है। वजन इनका लगभग १४-२४ किलो होता है। यह भी शिकार के लिए उपयोग में आते थे। इनकी समझ और बुद्धिमानी के कारण इनकी सेना में भी बहुत मांग है
गद्दी कुत्ता
यह हिमालय के पहाड़ों में पाए जाने वाली शीप डॉग नसल है। इसका इस्तमाल चरवाहा लोग आपने पशुओं की जंगली जानवरों से रक्षा के लिए करते है। यह हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पाए जनि वाले नसल है। यह एक विशाल कुत्ता है, भरी शरीर और ताकतवर कद काठी के साथ यह जंगली जानवरों को भागने के काम आता है। इसको और भी कई नामं से जाना जाता है जैसे हिमालयन शीपडॉग, इंडियन पैंथर हाउंड , महिदन्त मस्तिफ्फ़ और भूतिए कुत्ता
इंडियन स्पिट्ज
यह एक छोटी घरेलु और पालतू नसल है। यह पोमेरेनियन के रिश्तेदार है लेकिन उनसे बड़े आकर के होते है। इनका वजन मात्र ६-२० किलो होता है। सिल्की फर से भरे यह सफ़ेद और भूरे रंग के होते है। यह बहुत मांग में थे ८० और ९० के दसक में, लोग इनको पालना बहुत पसंद करते थे तब। अब शायद लोगों को यह इतने नहीं अच्छे नहीं लगते।
राजपलायम
राजपलायम को हंटिंग डॉग ब्रीड माना जाता है। यह तमिल नाडु के राजपलायम शहर में पाये जनि वाली नसल है। यह लम्बे कद के होते है। इसकी ऊंचाई 26-32 इंच होती है। इनका रंग दूधिया सफ़ेद , गुलाबी नाक और सुनहरी ऑंखें होती है। पूँछ घूमी हुई और शरीर पर काम बल होते है
कन्नी
कन्नी को शिकार के लिए त्यार की ब्रीड ब्रीड माना जाता है। यह आपने तेजी और हमला करनी की शैली के लिए प्रसिद्ध है। यह भी तमिल नाडु में पाये जनि प्रजाति है। इसकी ऊंचाई 25-29 इंच होती है। वजन लगभग १६-२२ किलो होता है। इनके जबड़े बहुत शक्तिशालीऔर पूँछ घूमओदार होती है। सवभाव थोड़ा शर्मीला जरूर होता है लेकिन रखवाली में इनका जवाब नहीं। यह बहुत वफादार होते है।
परिआ डॉग्स
परिआ डॉग्स (देशी कुत्ता) यह एक आम नसल है हम लोग सड़क और आपने घर के पास इसी नसल के कुत्ते देखते है। यह बहुत शांत और समझदार होते है। सदियों से इंसान के साथ रहने से यह हमारे व्यव्हार को समझ चुके है। यह बहुत से रंग के होते है जैसे भूरा, काला, दो रंगा, सफ़ेद, धारीधार और बादामी। यह वाच डॉग के काम में भी लाये जाते है। यह छोटे कद के और हलके वजन के होते है।
चिप्पीपराई
चिप्पीपराई को फास्टेस्ट डॉग ब्रीड माना जाता है। इसकी रफ्तार 61-64 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है। तमिलनाडु के पेरियार लेक के आस-पास पाए जाने वाली इस प्रजाति की ऊंचाई 26-27 इंच होती है। यह एक शिकारी प्रवृत्ति का कुत्ता है । दौड़ में खरगोश को भी ओवरटेक कर सकता है। यह भरी गर्मी सेह सकता है इशलिये यह बहुत सख्त जान कुत्ते होते है
रामपुर हाउंड
रामपुर हाउंड उत्तर प्रदेश के रामपुर इलाके में पाए जनि वाली नसल है। इस नस्ल का जन्म अफ़ग़ान हाउंड और इंग्लिश ग्रेहाउंड नस्ल के क्रॉस प्रजनन द्वारा किया गया था। यह भी एक शिकारी कुत्ता है। इसका रंग मटमैला, भूरा, चितकबरा और काला होता है। इसका कद करीब 70 से.मी. और वज़न ३०- ३५ किलोग्राम के आस पास होता है। समय के साथ शिकार पर पर्तिबंध और लोगों का विदेशी कुत्तों को पलना का चलन बड़ा तो रामपुर हाउंड की लोकप्रियता भी कम होती गयी।आज रामपुर हाउंड जैसी अद्भुत नस्ल विलुप्त होने की कगार पर है।
0 Comments