भारतीय संविधान के दूसरे भाग में आर्टिकल 5 से 11 तक भारतीय नागरिकता (Indian Citizenship) के बारे में प्रावधान दिये गये हैं। जिनसे यह मालूम होता है कि किस प्रकार कोई व्यक्ति भारत की नागरिकता को हासिल कर सकता है और कैसे एक भारतीय नागरिक की नागरिकता को सरकार छीन सकती है।

सभी देशों की तरह ही भारत में भी 2 तरह के लोग रहते हैं। एक होते हैं भारतीय और दूसरे होते हैै विदेशी, भारतीय नागरिकों को कुछ विशेष अधिकार प्राप्त होते हैं जो कि विदेेशो से आये व्यक्तियों को प्राप्त नहीं होते हैं।
भारतीय नागरिकों के लिये भारतीय संविधान में प्राप्त वह अधिकार जो कि विदेशियों को प्राप्त नहीं है।

- धर्म जाति, लिंग, मूल, क्षेत्र और वंश के आधार पर समानता
- नौकरियों में समानता का अधिकार
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और निवास स्थान की स्वतंत्रता का अधिकार
- लोकसभा और विधान सभा में मतदान करने का अधिकार ।
- सार्वजानिक पदों पर नियुक्त होने का अधिकार। जैसे - राष्ट्रपति,उपराष्ट्रपति,न्यायधीश इत्यादि
किसी को भारतीय नागरिकता देने और छीनने का फैसला नागरिकता अधिनियम, 1955 (Indian Citizenship Act,1955) के आधार पर किया जाता है
भारत की नागरिकता (Indian Citizenship) से सम्बंधित शर्ते:

- वह व्यक्ति जिसका जन्म भारत में 26 जनवरी 1950 को या उसके बाद है
- वह व्यक्ति जिसका जन्म 1 जुलाई 1987 से पूर्व में हुआ हो ऐसे व्यक्ति को अपने माता पिता के जन्म की राष्ट्रीयता के आधार पर ही भारत की नागरिकता प्राप्त होती है।
- वह व्यक्ति जिसका जन्म 3 दिसम्बर 2004 के बाद हुआ हो, वह भारत का निवासी तभी माना जायेगा जबकि उसके माता पिता दोनों भारत के नागरिक हों।
- ऐसा व्यक्ति जिसका जन्म 26 जनवरी 1950 से 10 दिसम्बर 1992 के बीच भारत के बाहर हुआ हो और उसके जन्म के समय उसकेे पिता भारत का नागरिक हो तो वह भारत का नागरिक बन सकता है।
- 3 दिसम्बर 2004 के बाद भारत से बाहर जन्मा कोई व्यक्ति वंश के आधार पर भारत का नागरिक नहीं हो सकता है यदि उसके जन्म के एक वर्ष के भीतर भारतीय कांसुलेट में उसका रजिस्ट्रेशन ना कराया गया हो।
भारतीय नागरिकता के लिये पंजीकरण की प्रक्रिया:
वह व्यक्ति जिसके पास भारत की नागरिकता ना हो ऐसे व्यक्ति भारत की नागरिकता को हासिल करने के लिये सरकार से आवेदन कर सकते है। इसके लिये निम्न शर्ते होती है-
- वह व्यक्ति जो आवेदन कर रहा है उसका आवेदन करने से 7 वर्ष पूर्व भारत में रहना आवश्यक है।
- वह व्यक्ति जिसने किसी भारतीय नागरिक से विवाह किया हो और आवेदन से पूर्व भारत में 7 वर्ष से रह रहा हो।
- कोई व्यक्ति जो पूरी आयु तथा क्षमता का हो तथा उसके माता पिता भारत के नागरिक के रूप में पंजीकृत हों। भारत के नागरिक के नाबालिक बच्चे।
केंद्र सरकार आवेदन प्राप्त होने पर किसी व्यक्ति (अवैध प्रवासी नहीं) को नागरिकता दे सकती है यदि वह निम्न योग्यताएं रखता हो।
- यदि वह भारत में रह रहा हो या भारत सरकार की सेवा में हो या नागरिकता आवेदन करने से पहले कम से कम 12 माह पूर्व से भारत में रह रहा हो।
- वह किसी ऐसे देश से हो जहाँ के नागरिक प्राकृतिक रूप से भारत के नागरिक नहीं बन सकते हैं।
- उसका चरित्र अच्छा होना चाहिए।
- संविधान की 8वीं अनुसूची में उल्लिखित भाषाओँ का अच्छा ज्ञाता हो।
किसी भूभाग को भारत में मिलाने के द्वारा:किसी क्षेत्र के अपने देश में समावेश द्वारा भी नागरिकता प्राप्त की जा सकती है, यदि कोई विदेशी क्षेत्र भारत का हिस्सा बन जाता है तो सम्बंधित क्षेत्र के व्यक्तियों को भारत की नागरिकता मिल जाती है।
नागरिकता की समाप्ति (Abolition of Indian Citizenship):
नागरिकता अधिनियम, 1955 में नागरिकता ख़त्म होने के तीन कारण बताये गये हैं
- स्वैच्छिक त्यागना
- बर्खास्तगी
- वंचित करना
1.स्वैच्छिक त्यागना: यदि कोई भारतीय नागरिक जो कि पूर्ण आयु और क्षमता का हो, वह अपनी इच्छा से भारत की नागरिकता छोड़ सकता है, जब कोई व्यक्ति अपनी नागरिकता को छोड़ता है तो उस व्यक्ति का प्रत्येक नाबालिक बच्चा भारतीय नागरिक नहीं रहता है, लेकिन यदि उस बच्चे की उम्र 18 वर्ष हो जाती है तो वह भारतीय नागरिक बन सकता है।
2.बर्खास्तगी: भारत के संविधान में एकल नागरिकता का प्रावधान है, अर्थात एक भारतीय व्यक्ति, एक समय में केवल एक देश का नागरिक रह सकता है, यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य देश की नागरिकता ग्रहण कर लेता है तो उसकी भारतीय नागरिकता खत्म हो जाती है, हालाँकि यह व्यवस्था तब लागू नहीं होती है जब भारत युद्ध में व्यस्त हो।
3. सरकार द्वारा वंचित करना: भारत सरकार किसी भारतीय नागरिक की नागरिकता ख़त्म कर सकती है यदि
- नागरिक ने संविधान के प्रति अनादर जताया हो।
- उसने फर्जी तरीके से नागरिकता प्राप्त की हो।
- युद्ध के समय शत्रु देश के साथ गैर-कानूनी रूप से सम्बन्ध स्थापित किये हों और शत्रु के साथ कोई राष्ट्र विरोधी सूचना साझा की हो।
- पंजीकरण या प्राकृतिक नागरिकता के 5 वर्ष के दौरान नागरिक को किसी देश में 2 वर्ष की कैद की सजा हुई हो।
- नागरिक, भारत से बाहर 7 वर्षों से रह रहा हो।
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