
Adolf Hitler (एडोल्फ हिटलर) का जन्म 20 अप्रैल, 1889 को ऑस्ट्रो-जर्मन फ्रंटियर के पास एक छोटे से ऑस्ट्रियाई(Austria) शहर ब्रूनो इन ( Braunau am Inn) में हुआ था. युवा एडोल्फ ने अपना अधिकांश बचपन 'लिंज़' में (ऊपरी ऑस्ट्रिया की राजधानी) में बिताया था, हिटलर ने 30 अप्रैल 1945 को बर्लिन में जमीन से 50 फुट नीचे एक बंकर में खुद को गोली मारकर अपनी पत्नी इवा ब्राउन के साथ आत्महत्या कर ली थी।
एडॉल्फ हिटलर का व्यक्तिगत विवरण (Personal details About Adolf Hitler)
जन्म: 20 अप्रैल 1889
जन्मस्थान: ब्रूनो एम इन, ऑस्ट्रिया-हंगरी
निधन: 30 अप्रैल 1945 (आयु 56 वर्ष)
निधन का कारण: बंदूक की गोली से आत्महत्या (बर्लिन, नाजी जर्मनी)
नागरिकता: ऑस्ट्रियन (1889-1925), जर्मन (1932-1945)
राजनीतिक दल: नाजी पार्टी (1921-1945)
पत्नी: (ईवा ब्रौन-Eva Braun)
शादी: 1945
पिता: एलोइस हिटलर
माता: क्लारा पोल्ज़ल
Adolf Hitler (एडोल्फ हिटलर) का शुरूआती जीवन (Early life of Adolf Hitler)
एडॉल्फ हिटलर का जन्म ब्रौन एम इन, ऑस्ट्रिया नामक स्थान पर 20 अप्रैल 1889 को हुआ था. उनकी प्रारंभिक शिक्षा लिंज नामक स्थान पर हुई थी, अडोल्फ हिटलर अपने पिता की तरह एक सिविल सेवक नहीं बनना चाहता था.वह पढाई में तेज नहीं था इसी कारण वह सेकेंडरी स्कूल की पढाई में भी संघर्ष कर रहा था और अंततः वह ड्राप आउट हो गया था।

वर्ष 1903 में अपने पितः की मृत्यु के बाद वह एक आर्टिस्ट बनने के लिए वियना गया लेकिन वियना की अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स ने उसे सेलेक्ट नहीं किया था. उसने अपने भरण पोषण के लिए घरों में पेंटिंग करने का काम भी किया था
एडॉल्फ हिटलर का सैन्य कैरियर:

सन 1913 में हिटलर म्यूनिख (बवेरिया का जर्मन राज्य) चला गया। जब प्रथम विश्व युद्ध शुरू हुआ तो वह बवेरियन राजा की एक आरक्षित पैदल सेना रेजिमेंट में स्वयंसेवक के तौर पर भर्ती हो गया था।
वह अक्टूबर 1914 में बेल्जियम में तैनात किया गया था। हिटलर ने पूरे युद्ध में बहादुरी के लिए दो सैनिक चिह्न भी जीते थे जिसमें दुर्लभ 'आयरन क्रॉस फर्स्ट क्लास' भी शामिल था। उसने इसे अपने जीवन के अंत तक पहना था।
पहले विश्व युद्ध में जर्मनी की हार हुई इसके बाद उसने 1918 ई. में उन्होंने नाजी दल की स्थापना की और इसके सदस्यों में देशप्रेम कूट-कूटकर भरा साथ ही प्रथम विश्वयुद्ध की हार के यहूदियों को दोषी ठहराया। उसने सभी के दिल में यहूदियों के लिए नफरत पैदा कर दी और कहा की यहूदी जर्मनी के लिए अभिशाप हैं. इसी नफरत के कारण लगभग 60 लाख यहूदियों की हत्या हुई थी।
सन 1923 ई. में हिटलर ने जर्मन सरकार को उखाड़ फेंकने का प्रयत्न किया जिसमें वह असफल रहा और उसे 5 साल की सजा हुई और जेलखाने में डाल दिया गया था. इसी दौरान उसने अपनी आत्म कथा Mein Kampf ("मेरा संघर्ष") नामक अपनी आत्मकथा लिखी, इसमें नाजी दल के सिद्धांतों का विवेचन किया था।
सन 1932 तक संसद् में नाजी दल के सदस्यों की संख्या 230 हो गई थी। सन 1933 में चांसलर बनते ही हिटलर ने जर्मन संसद् को भंग कर दिया, साम्यवादी दल को गैरकानूनी घोषित कर दिया, हिटलर ने 1933 में राष्ट्रसंघ को छोड़ दिया और भावी युद्ध को ध्यान में रखकर जर्मनी की सैन्य शक्ति बढ़ाना प्रारंभ कर दिया था।
सन 1933 में जर्मनी में पूर्ण शक्ति हासिल करने के लिए हिटलर ने वहां पर मौजूद आर्थिक असंतोष, जनता में असंतोष और राजनीतिक दुर्दशा का सहारा लिया था।
द्वितीय विश्व युद्ध और हिटलर की आत्महत्या
1937 में जर्मनी ने इटली से संधि की और उसी वर्ष आस्ट्रिया पर अधिकार कर लिया, इसी विस्तारवाद में हिटलर की सेनाओं ने पोलैंड के पश्चिमी भाग पर अधिकार कर लिया और ब्रिटेन ने पोलैंड की रक्षा के लिए अपनी सेनाएँ भेजीं जिसके कारण 1939 में द्वितीय विश्वयुद्ध प्रारंभ हुआ।

हिटलर की लीडरशिप में 1941 तक नाजी सेनाओं ने यूरोप पर बहुत कब्ज़ा कर लिया था. चूंकि हिटलर सभी से पड़ोसी देशों से दुश्मनी ले रहा था इसलिए मित्र राष्ट्रों की सेनाओं ने उसकी सेना को हरा दिया. हिटलर ने 30 अप्रैल 1945 को सोवियत सेनाओं से घिरने के बाद बर्लिन में जमीन से 50 फुट नीचे एक बंकर में खुद को गोली मारकर अपनी पत्नी इवा ब्राउन के साथ आत्महत्या कर ली थी
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