मनुष्य के बहुत से अविष्कारों में से एक है, रुपये या मुद्रा का अविष्कार। इस अकेले अविष्कार ने पूरी दुनिया का नक्सा ही बदल दिया है। रुपये के विकास ने ना केवल पूरी दुनिया में आर्थिक और सामाजिक तत्रों का विकास किया है बल्कि लोगों के जीने के तरीकों को ही बदल दिया है।
₹ का आविष्कार:
मानव सभ्यता के विकास के प्रारंभिक चरण में वस्तु विनिमय चलता था लेकिन बाद में लोगों की जरूरतें बढ़ी और वस्तु विनिमय से कठिनाइयाँ पैदा होने लगीं जिसके कारण कौड़ियों से व्यापार आरम्भ हुआ जो कि बाद में सिक्कों में बदल गया।
भारत में सिक्कों का आकार घटने का कारण:
वर्तमान में जो रुपया चलता है दरअसल यह कई सालों के बाद रुपया बना है। सबसे पहले चलन में फूटी कौड़ी थी जो बाद में कौड़ी बनी। इसके बाद कौड़ी से दमड़ी बनी > दमड़ी से धेला बना >धेला से पाई बनी >पाई से पैसा बना > पैसे से आना बना>आना से रुपया बना और अब क्रेडिट कार्ड और बिटकॉइन का जमाना आ गया है।
प्राचीन मुद्रा की एक्सचेंज वैल्यू इस प्रकार थी।
256 दमड़ी =192 पाई=128 धेला =64 पैसा =16 आना =1 रुपया
अर्थात 256 दमड़ी की वैल्यू आज के एक रुपये के बराबर थी।
अन्य मुद्राओं की वैल्यू इस प्रकार है:
I. 3 फूटी कौड़ी (Footie Cowrie) =1 कौड़ी
II.10 कौड़ी (Cowrie) =1 दमड़ी
III. 2 दमड़ी (Damri) =1 धेला
IV. 1.5 पाई (Pai) =1 धेला
V. 3 पाई =1 पैसा (पुराना)
VI. 4 पैसा =1 आना
VII.16 आना (Anna)=1 रुपया
VIII.1 रुपया =100 पैसा
इस प्रकार ऊपर दिए गये पुराने समय की मुद्राओं की वैल्यू से स्पष्ट है कि प्राचीन समय में मुद्रा की सबसे छोटी इकाई फूटी कौड़ी थी जबकि आज के समय में यह इकाई पैसा है.
0 Comments